तहव्वुर राणा, 63 वर्षीय पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक, 2008 के मुंबई हमलों के पीछे मुख्य आरोपियों में से एक है, जिसके परिणामस्वरूप 170 से अधिक लोग मारे गए थे। उसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी संगठन को भौतिक सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिका में दोषी ठहराया गया था, लेकिन हमलों में प्रत्यक्ष भागीदारी से बरी कर दिया गया था। वह मुंबई हमलों के पीछे मुख्य साजिशकर्ता डेविड हेडली का करीबी माना जाता है और कथित तौर पर भारत में विभिन्न लक्ष्यों की निगरानी करने में उसकी सहायता करता है।
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भारत उन्हें क्यों ढूंढ रहा है?
भारत हेडली के ऑपरेशन में उसकी कथित भूमिका के लिए उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है। उस पर हेडली को गलत व्यावसायिक पहचान पत्र मुहैया कराने का आरोप है, जिसकी मदद से वह कई बार भारत में घुसा और फिर हमलों के लिए टोह ली।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस पर साजिश रचने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। हाल ही में, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की प्रत्यर्पण रोकने की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे उसके भारत वापस आने का रास्ता साफ हो गया। प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जो मुंबई हमलों के मध्यस्थ के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।